उसको क्या रोशन मैं करूं जो जग को करता रोशन है, नभ के तारे हैं चादर उसके जो कदमों में उनके समाए हैं, जग का तारण करने हेतु ,जग का पालन करने हेतु वो अनंत रूप में धरती पर आए हैं.. वो कण कण में हैं, वो हर मन में है, तुम जान सको तो जान लो,तुम मान सको तो मान लो दिन रात जपो तुम नाम प्रभु का ये बात फतेह की है मित्रों ये ठान सको तो ठान लो.. ॐ नमः शिवाय.. ©Kalpana Srivastava #प्रभु