हम इश्क़ की किताब हमराज लिखेंगे, उसमें तो हम तेरे सारे राज लिखेंगे । तुम आओ या न आओ लौटकर कि लौटकर आने का दिन आज लिखेंगे । जो गाते थे तुम गीत अपने मिलन के हम फिर से उसके सुर औ साज लिखेंगे । बेमुरब्बत सी जिंदगी में दोगले लोग हैं सर पर अपने दोस्ती का ताज लिखेंगे । कितने ही सितम कर तुम मुस्कुराते रहे जो गिराई थी मुझपर वो गाज लिखेंगे । बहुत हो चुकी अपनी छुप-छुपकर लड़ाई हम जंग का आज खुला आगाज लिखेंगे । तुम करते रहना बुराई मेरी इस जहाँ में खुद पर 'चंचल ' कितना है नाज लिखेंगे । 10-03-2018 ©चंचल Mahaur स्वर' हम इश्क़ की किताब हमराज लिखेंगे, उसमें तो हम तेरे सारे राज लिखेंगे ! तुम आओ या न आओ लौटकर कि लौटकर आने का दिन आज लिखेंगे ! जो गाते थे तुम गीत अपने मिलन के हम फिर से उसके सुर औ साज लिखेंगे !