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उदास कमरा, उदास मौसम, उदास लम्हे, उदास ज़िन्दग़ी और

उदास कमरा, उदास मौसम, उदास लम्हे, उदास ज़िन्दग़ी और उदास फूल, पत्ते व शजर, 
कितनी चीज़ों पे शिरीन, इलज़ाम लगता है साहब, बस इक तेरे ही बात ना करने पर। mukeem Ahmad
उदास कमरा, उदास मौसम, उदास लम्हे, उदास ज़िन्दग़ी और उदास फूल, पत्ते व शजर, 
कितनी चीज़ों पे शिरीन, इलज़ाम लगता है साहब, बस इक तेरे ही बात ना करने पर। mukeem Ahmad
mukeemahmed2443

Mukeem Ahmed

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