कारोबारी और हुक़ूमत, ने कर ली अब यारी है, हर विभाग का निजीकरण अब,करने की तैयारी है। आज सियासत और तिजारत,मिली भगत है दोनों की, खुश हैं दोनों धन लूटेंगे, मिलकर वारी वारी है। बोझा ढोती सकल देश का, जीवन रेखा कहलाती, धीरे धीरे रेल बेच कर, कर दी ठेकेदारी है। माना रोग भ्रष्टता का है,जड़ तक घुसा विभागों में, पर रोगी को मिटा रहे हैं, ये कैसी उपचारी है। जिस पर सबने किया भरोसा,सौंपी गद्दी दिल्ली की, कहता चौकीदार बनूँगा, बन बैठा व्यापारी है। भ्रष्ट लुटेरे गुंडे कातिल, भरे पड़े हैं संसद में, कर दो निजीकरण इसका भी,ये भी तो सरकारी है। -राजेश बघेल #NoToPrivatisationOfRailway #रेलवे_का_निजीकरण_बंद_करो #Barrier