यज्ञ करो ! ( अनुशीर्षक देखें ) पुण्य वेदी का मोल धरो , रण चण्डी का यज्ञ करो । होगी स्वयं प्रकट देवी , देख सपूतों की वेदी , सुभटों ! आह्वान करो , धरो शस्त्र संघार करो ।