भरे बाजार से अक्सर मैं खाली हाथ आया हूँ, कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते। ©GauRi भरे #बाजार से #अक्सर मैं #खाली #हाथ आया हूँ, कभी #ख्वाहिश नहीं होती कभी #पैसे नहीं होते।