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White कुछ देर रुका फिर सोचा कितनी बड़ी है जीवन की

White कुछ देर रुका फिर सोचा 
कितनी बड़ी है जीवन की उलझन 
कैसा घमंड कैसा लालच 
क्या तूने कमाया उस पर मत कर नाज
सब कुछ यहा छोड़कर जाना है वो भी खाली हाथ
खुशी जो मिलती है छोटे पलो में उसे 
संभाल कर रखना है
मुस्कान तेरे चेहरे की हज़ार लाखो से जुड़ी है 
कुछ ना मिले ना सोने की बात हीरे की बात
बस हो जो दिल को लुभाए गुप्तगू अपनेपन की 
मिले पल ऐसे सुकुन के और कुछ ना चाहे
चल दिया मै उस रास्ते पर जहाँ हो मेरा बस
पर क्या करे दुनिया मेरी गम के किनारे से जुड़ी है 
मिले मुझे कभी कभी खुशियों की लहरे 
ये उम्मीद सी जगी है शायद हो वो पूरी.

©Shayari by Sanjay T #lifeshayari #sahayaribysanjayt
White कुछ देर रुका फिर सोचा 
कितनी बड़ी है जीवन की उलझन 
कैसा घमंड कैसा लालच 
क्या तूने कमाया उस पर मत कर नाज
सब कुछ यहा छोड़कर जाना है वो भी खाली हाथ
खुशी जो मिलती है छोटे पलो में उसे 
संभाल कर रखना है
मुस्कान तेरे चेहरे की हज़ार लाखो से जुड़ी है 
कुछ ना मिले ना सोने की बात हीरे की बात
बस हो जो दिल को लुभाए गुप्तगू अपनेपन की 
मिले पल ऐसे सुकुन के और कुछ ना चाहे
चल दिया मै उस रास्ते पर जहाँ हो मेरा बस
पर क्या करे दुनिया मेरी गम के किनारे से जुड़ी है 
मिले मुझे कभी कभी खुशियों की लहरे 
ये उम्मीद सी जगी है शायद हो वो पूरी.

©Shayari by Sanjay T #lifeshayari #sahayaribysanjayt