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बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम जो तेरे हि

बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मालूम
 जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई
- फ़िराक़ गोरखपुरी

©Dhananjay
  Pavan Yadav Pavan Yadav