आज कुछ लिखने का सोचा है तुम पर, समझ नहीं आता क्या लिखूँ- गर्मी की तुमको धूप कहूँ जाड़ों की शीतल हवा लिखूँ तुम्हें कहूँ बूंद मैं सावन की या अल्हड़ सी कोई नदी लिखूँ तुम्हें कहूँ मैं पूरा काव्यपाठ या अधलिखी मेरी कोई ग़ज़ल लिखूँ तुम्हें लिखूँ अधूरा आधा मैं या तुमको मैं सम्पूर्ण लिखूँ लिखता हूँ तुमको वैद्य कोई हर मर्ज़ की तुमको दवा लिखूँ तुम्हें चैन कहूँ मैं रातों का जीवन का तुम्हें सुकून लिखूँ उत्तर तुम मेरे प्रश्नों का तुम बिन खुदको बेचैन लिखूँ तुम्हें कहूँ मैं पूरा काव्यपाठ तुम्हें गीत मेरा सम्पूर्ण लिखूँ। -Ammu ©AmmuAP #Chhuan #Shayar #shayri #Ehasas #khyali_ishq #think #Love #love❤ #Poetry #romance