आईने सी हुआ करती थी फितरत हमारी, महफ़िल की कभी शान हुआ करते थे... ज़रा सी ठोकर से टूटकर क्या बिखरे, सब बच बच कर निकलने लगे... अब किरदार पत्थर सा हमारा, ना ही पिघलते है और ना ही बदलते हैं... पत्थर सा है किरदार मेरा.. #nojoto #nojotohindi #kalakaksh #life #love #character #changes #quotes #poetry