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मेरी रचनाओं में प्रेम न खोजा करो, मेरी ज़िंदगी में

मेरी रचनाओं में प्रेम न खोजा करो,
मेरी ज़िंदगी में तन्हाइयां बहुत हैं! कविता होना कठिन है
पर स्त्री होना कहीं अधिक
रस पिपासु होते हैं
दोनों के ही लोग
क्योंकि दोनों ही हीनता को पाटती हैं
एक तन के सौन्दर्य की
दूसरी मन के...
और फ़िर अकेली रह जाती हैं
मेरी रचनाओं में प्रेम न खोजा करो,
मेरी ज़िंदगी में तन्हाइयां बहुत हैं! कविता होना कठिन है
पर स्त्री होना कहीं अधिक
रस पिपासु होते हैं
दोनों के ही लोग
क्योंकि दोनों ही हीनता को पाटती हैं
एक तन के सौन्दर्य की
दूसरी मन के...
और फ़िर अकेली रह जाती हैं

कविता होना कठिन है पर स्त्री होना कहीं अधिक रस पिपासु होते हैं दोनों के ही लोग क्योंकि दोनों ही हीनता को पाटती हैं एक तन के सौन्दर्य की दूसरी मन के... और फ़िर अकेली रह जाती हैं #जिंदगी #YourQuoteAndMine #खोज #गाँठ