अब भी उग रही है बता रही है अब भी ज़िंदगी में उम्मीद है बाकी ज़िंदगी कब किसी के लिए है रुकी जी लो जो पल हैं तुम्हारे पास ना घर पाए तुममें ये उदासी क्या हुआ गर ज़िंदगी है तुम्हारी आज थम सी गई है अपने भीतर खुशियों को खोजो बना को उसे नयी सी इसे तुम खो दोगे एक बार तो दुबारा ये नहीं मिलेगी #Creativityक़ल़मकी #GATCCprompts #GATCCprompth23 #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with Creativity क़ल़म की