डर लगता है मेरा लिखा कहीं खो न जाये, मन तो साफ है कहीं ग़लती हो न जाये, यूं तो बातें बहोत हैं करनी, बस एहसास महफ़िल महफ़िल हो न जाये । ज़माने को कहूँ कुछ, और मतलब ग़लत न हो जाये । जोड़िए अपने भावपूर्ण शब्द इस BG से और बताए अपने विचार । #plpro #akteri Font : sharad 76 regular Size 8 #poetrybaaz #yqbaba #yqdidi