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अब हमारे चिलमन में वो रोशनी न रही जो हुआ करती थीं

अब हमारे चिलमन में वो रोशनी न रही जो हुआ करती थीं
क्योंकि तब वो इश्क़ ए मन्दिर में जलति थी अब ग़म ए मैख़ाने में ज़लति है। Payal Singh Rahul Kashyap Sinha
अब हमारे चिलमन में वो रोशनी न रही जो हुआ करती थीं
क्योंकि तब वो इश्क़ ए मन्दिर में जलति थी अब ग़म ए मैख़ाने में ज़लति है। Payal Singh Rahul Kashyap Sinha