आज उलझे हो तो क्या हुआ कल सुलझ भी जाओगे।। आज टुटे हो तो क्या हुआ कल जुड़ भी जाओगे।। माना आज सामने मंजिल नहीं दिखती माना सामने धुंध ही छाया करती पर कोई बात नहीं आज बिखरे हो कल समेट जाओगे।। आज खुदमें ही घुम गए हो कल फिर नए मोड़ पर आ जाओगे।। आज अंधेरा है पर सुनो हिम्मत रखो कल तुम खुद ही उजाला बन जगमगाओगे।। पा लिया अब हमने खुदको... खुद ही ढूँढ लिआ हमने खुदको...❣️