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चौदह बरस का बनवास काट लौट आया हो राम जैसे अयोध्या

चौदह बरस का बनवास काट
लौट आया हो राम जैसे अयोध्या कुछ बातें होती है अनकही,,कुछ दर्द होते हैं जुदा-जुदा
कोई बस हो जाता है यूं ही बे बात में खफा खफा

कुछ आंखों से आंसू छलके होंगे गला भर आया होगा
क्या गुजरी होगी उस रूह में जिसे तूने ठुकराया होगा

दुनिया की भीड़ में मिलते बिछड़ते मुसाफिर हैं
कौन यहां उम्र भर साथ निभाता है
चौदह बरस का बनवास काट
लौट आया हो राम जैसे अयोध्या कुछ बातें होती है अनकही,,कुछ दर्द होते हैं जुदा-जुदा
कोई बस हो जाता है यूं ही बे बात में खफा खफा

कुछ आंखों से आंसू छलके होंगे गला भर आया होगा
क्या गुजरी होगी उस रूह में जिसे तूने ठुकराया होगा

दुनिया की भीड़ में मिलते बिछड़ते मुसाफिर हैं
कौन यहां उम्र भर साथ निभाता है
vandana6771

Vandana

New Creator

कुछ बातें होती है अनकही,,कुछ दर्द होते हैं जुदा-जुदा कोई बस हो जाता है यूं ही बे बात में खफा खफा कुछ आंखों से आंसू छलके होंगे गला भर आया होगा क्या गुजरी होगी उस रूह में जिसे तूने ठुकराया होगा दुनिया की भीड़ में मिलते बिछड़ते मुसाफिर हैं कौन यहां उम्र भर साथ निभाता है #testimonial #दोस्ती_शब्द_नही_एहसास_है