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दोस्त कई सारे होते है,स्कूल वाले कॉलेज वाले ऑफिस व

दोस्त कई सारे होते है,स्कूल वाले कॉलेज वाले ऑफिस वाले कई सारे,एक और खास तरह के दोस्त होते हैं,जिनसे कुछ घंटों की दोस्ती होती है...।
"सफर वाले दोस्त" अक्सर हमारे पास की सीट पर मिलते है,ना हम उनको जानते है,ना वो हमें,लेकिन कुछ घण्टों के सफर में इतने घुलमिल जाते है,एक-दूसरे की परवाह करने लगते है,एक कुछ खाए दूसरे को जरूर पूछते है,साथ वाला बैठा नहीं और गाड़ी चल पड़े,तो गाड़ी रोक देते,कभी कभी ज्यादा भीड़ होने पर एक दूसरे का सामान भी संभाल लेते है,भरोसा तो ऐसा होता है उस अनजान इंसान से जैसे काफ़ी समय से जानते हो,गाड़ी से उतरे,कह दिया "भैया,सामान का ध्यान रखना,5 मिनट में आ रहा",चाहे कितना भी क़ीमती सामान हो। कई सारी बातें हंसी मज़ाक सब चलता रहता है,इस बीच बगल वाली सीट पर बैठे लोगों से भी कई बार अच्छी दोस्ती हो जाती है।
कुछ घण्टों में सफर खत्म हो जाता है,सब अलग हो जाते है,फिर कभी नहीं मिलते,बस मन ही मन याद कर लेते है ।
फ़िर कभी एक नया सफ़र शुरू होता है,नए लोग मिलते हैं,फिर हो जाती है चंद घण्टों की, "सफ़र वाली दोस्ती"

सावन शर्मा
बड़वानी

©pen_of_sawan #brokenlove दोस्त कई सारे होते है,स्कूल वाले कॉलेज वाले ऑफिस वाले कई सारे,एक और खास तरह के दोस्त होते हैं,जिनसे कुछ घंटों की दोस्ती होती है...।
"सफर वाले दोस्त" अक्सर हमारे पास की सीट पर मिलते है,ना हम उनको जानते है,ना वो हमें,लेकिन कुछ घण्टों के सफर में इतने घुलमिल जाते है,एक-दूसरे की परवाह करने लगते है,एक कुछ खाए दूसरे को जरूर पूछते है,साथ वाला बैठा नहीं और गाड़ी चल पड़े,तो गाड़ी रोक देते,कभी कभी ज्यादा भीड़ होने पर एक दूसरे का सामान भी संभाल लेते है,भरोसा तो ऐसा होता है उस अनजान इंसान से जैसे काफ़ी समय से जानते हो,गाड़ी से उतरे,कह दिया "भैया,सामान का ध्यान रखना,5 मिनट में आ रहा",चाहे कितना भी क़ीमती सामान हो। कई सारी बातें हंसी मज़ाक सब चलता रहता है,इस बीच बगल वाली सीट पर बैठे लोगों से भी कई बार अच्छी दोस्ती हो जाती है।
कुछ घण्टों में सफर खत्म हो जाता है,सब अलग हो जाते है,फिर कभी नहीं मिलते,बस मन ही मन याद कर लेते है ।
फ़िर कभी एक नया सफ़र शुरू होता है,नए लोग मिलते हैं,फिर हो जाती है चंद घण्टों की, "सफ़र वाली दोस्ती"

सावन शर्मा
बड़वानी
दोस्त कई सारे होते है,स्कूल वाले कॉलेज वाले ऑफिस वाले कई सारे,एक और खास तरह के दोस्त होते हैं,जिनसे कुछ घंटों की दोस्ती होती है...।
"सफर वाले दोस्त" अक्सर हमारे पास की सीट पर मिलते है,ना हम उनको जानते है,ना वो हमें,लेकिन कुछ घण्टों के सफर में इतने घुलमिल जाते है,एक-दूसरे की परवाह करने लगते है,एक कुछ खाए दूसरे को जरूर पूछते है,साथ वाला बैठा नहीं और गाड़ी चल पड़े,तो गाड़ी रोक देते,कभी कभी ज्यादा भीड़ होने पर एक दूसरे का सामान भी संभाल लेते है,भरोसा तो ऐसा होता है उस अनजान इंसान से जैसे काफ़ी समय से जानते हो,गाड़ी से उतरे,कह दिया "भैया,सामान का ध्यान रखना,5 मिनट में आ रहा",चाहे कितना भी क़ीमती सामान हो। कई सारी बातें हंसी मज़ाक सब चलता रहता है,इस बीच बगल वाली सीट पर बैठे लोगों से भी कई बार अच्छी दोस्ती हो जाती है।
कुछ घण्टों में सफर खत्म हो जाता है,सब अलग हो जाते है,फिर कभी नहीं मिलते,बस मन ही मन याद कर लेते है ।
फ़िर कभी एक नया सफ़र शुरू होता है,नए लोग मिलते हैं,फिर हो जाती है चंद घण्टों की, "सफ़र वाली दोस्ती"

सावन शर्मा
बड़वानी

©pen_of_sawan #brokenlove दोस्त कई सारे होते है,स्कूल वाले कॉलेज वाले ऑफिस वाले कई सारे,एक और खास तरह के दोस्त होते हैं,जिनसे कुछ घंटों की दोस्ती होती है...।
"सफर वाले दोस्त" अक्सर हमारे पास की सीट पर मिलते है,ना हम उनको जानते है,ना वो हमें,लेकिन कुछ घण्टों के सफर में इतने घुलमिल जाते है,एक-दूसरे की परवाह करने लगते है,एक कुछ खाए दूसरे को जरूर पूछते है,साथ वाला बैठा नहीं और गाड़ी चल पड़े,तो गाड़ी रोक देते,कभी कभी ज्यादा भीड़ होने पर एक दूसरे का सामान भी संभाल लेते है,भरोसा तो ऐसा होता है उस अनजान इंसान से जैसे काफ़ी समय से जानते हो,गाड़ी से उतरे,कह दिया "भैया,सामान का ध्यान रखना,5 मिनट में आ रहा",चाहे कितना भी क़ीमती सामान हो। कई सारी बातें हंसी मज़ाक सब चलता रहता है,इस बीच बगल वाली सीट पर बैठे लोगों से भी कई बार अच्छी दोस्ती हो जाती है।
कुछ घण्टों में सफर खत्म हो जाता है,सब अलग हो जाते है,फिर कभी नहीं मिलते,बस मन ही मन याद कर लेते है ।
फ़िर कभी एक नया सफ़र शुरू होता है,नए लोग मिलते हैं,फिर हो जाती है चंद घण्टों की, "सफ़र वाली दोस्ती"

सावन शर्मा
बड़वानी
sawansharma3143

Sawan Sharma

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