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दिल में आग लगा कर तुम चले गए मेरे सपनों को डुबाकर

दिल में आग लगा कर तुम चले गए

मेरे सपनों को डुबाकर तुम चले गए

मैं  कैसे समझाऊं तुम को बातें सब

बेचैनी  को  बढ़ाकर  तुम  चले गए।।


स्वरचित कवि मुन्ना कुमार "अजनबी"

मलिकपुरा गोरौल

वैशाली बिहार दिल में आग लगा कर तुम चले गए
मेरे सपनों को डुबाकर तुम चले गए
मैं  कैसे समझाऊं तुम को बातें सब
बेचैनी को  बढ़ाकर  तुम  चले गए।।

स्वरचित कवि मुन्ना कुमार "अजनबी"
दिल में आग लगा कर तुम चले गए

मेरे सपनों को डुबाकर तुम चले गए

मैं  कैसे समझाऊं तुम को बातें सब

बेचैनी  को  बढ़ाकर  तुम  चले गए।।


स्वरचित कवि मुन्ना कुमार "अजनबी"

मलिकपुरा गोरौल

वैशाली बिहार दिल में आग लगा कर तुम चले गए
मेरे सपनों को डुबाकर तुम चले गए
मैं  कैसे समझाऊं तुम को बातें सब
बेचैनी को  बढ़ाकर  तुम  चले गए।।

स्वरचित कवि मुन्ना कुमार "अजनबी"
munnakumar1137

Munna Kumar

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