सुलगती रहती है किसी लौ की तरह सीने में खुशबू बनके बदन से लिपटी रहती है न जाने क्या कश़िश है उस कमबख्त की यादों में 'अब्र' वो मुझे आज भी किसी और का होने नहीं देती ©MiShRaपन By KumarAmitअब्र #Khushbu #Smell #Flower #Nojotoimageprompt