नाम में अंबर छुपा कर्म से योद्धा है तू , नाम में अंबर छुपा, कर्म से योद्धा है तू तेरे ही तो नाम से कर्म के परिधान से जन्मभूमि की मिट्टी का कर्ज चुका शान से , गांव की गलियों में देख नाम तेरा गूंज रहा गांव की कलियों में देख खुशबू तेरे नाम की , गांव के सम्मान का समय बड़ा अनुकूल है युद्ध ही अगर इसका मात्र एक निदान है , उठा तू पग निशस्त्र होके कर्म ही प्रधान है , मां ने छुपाए हैं बहुत जश्न तेरी जीतके संग उनके जश्न मना दिखा फिर से जीतके , मॉम सा पिघल रहा उम्र का तकाजला रोके से ना रुके उम्र का ये फासला , पिता के सौहार्दय की क्षेत्र में पहचान है टूटने ना दे वो डोर तू उनका स्वाभिमान है , कर्म से योद्धा है तू नाम में अंबर छुपा कर्म से योद्धा है तू नाम में अंबर छुपा , 🙏 © a̶a̶j̶a̶d̶ p̶a̶r̶i̶n̶d̶e #mfnzet_fighter_28pm_hot*