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अपनी मंजिल को पहचान तू है कुदरत का करिश्मा अपनी पह

अपनी मंजिल को पहचान
तू है कुदरत का करिश्मा
अपनी पहचान संभाल

तुझे नहीं जरूरत किसे लुभाने की
क्यू तू खुद को सजावट कि वस्तु बनती जा रही है।

 मां है तू खुद रब ने तुझे 
इस सम्मान से नवाजा है तुझे

अपनी पहचान को पहचान
तुझे जरूरत नहीं किसी सुन्दरता की

तेरा प्यार ही तेरी दौलत है
फिर ये  मिट्टी से तू क्यू अपनी पहचान 

बना रही है तुम 
ये तेरी मंजिल नहीं है

अपने आंतरिक रूप को तू निखार
फिर

 देख तू मंज़िले तेरे आने का इंतज़ार करेगी।
 ये मंज़िल नहीं है,
यहाँ पर तू नहीं है।
#वोमंज़िलनहीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
अपनी मंजिल को पहचान
तू है कुदरत का करिश्मा
अपनी पहचान संभाल

तुझे नहीं जरूरत किसे लुभाने की
क्यू तू खुद को सजावट कि वस्तु बनती जा रही है।

 मां है तू खुद रब ने तुझे 
इस सम्मान से नवाजा है तुझे

अपनी पहचान को पहचान
तुझे जरूरत नहीं किसी सुन्दरता की

तेरा प्यार ही तेरी दौलत है
फिर ये  मिट्टी से तू क्यू अपनी पहचान 

बना रही है तुम 
ये तेरी मंजिल नहीं है

अपने आंतरिक रूप को तू निखार
फिर

 देख तू मंज़िले तेरे आने का इंतज़ार करेगी।
 ये मंज़िल नहीं है,
यहाँ पर तू नहीं है।
#वोमंज़िलनहीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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