कैसी जुदाई तुने बनाईं खीची लकीरें हैं कहा रुबरु था मेरे,मेरा वक्त जो भी वैसे अब वह हैं कहां रुका हैं वह जहां, ले चल एक दफा वहीं माना बिछड़े हैं हम मगर,एक दफा मिला तो सही #मिला दे...