हमने भी एक कहानी देखी है बचपन को बदलने की रवानी देखी है वह बचपन ही क्या था हर मुस्कान पर कायल हो जाते थे लोग उस तोतली बोली से घायल हो जाते थे तो निस्वार्थ भाव से हंस देनी की कहानी देखी है बचपन को बदलते जवानी देखी बचपन की बदलने की कहानी