●मौला● ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना मेरे मौला पाँव बख़्शें हैं तो तौफ़ीक़-ए-सफ़र भी देना... गुफ़्तुगू तू ने सिखाई है कि मैं गूँगा था मेरे मौला अब मैं बोलूँगा तो बातों में असर भी दे देना... खड़े होने को पाव दे दिये हैं मेरे मौला ! अब इन पांवों को ढकने को चादर भी दे देना ..... कर दिया तुमने मसहूर अपने करमो से मुझे ए मौला नेकी की राह पे चलते रहे कदम ; ऐसी ताकत भी दे देना...... #मेरे मौला #mere#mola