शीर्षक:-- मेरे अरमान:मेरे पिता -------------------------- मेरे सपने मेरी जान है पिता, मेरे अरमान है मेरे पिता, मेरी सांसे, मेरी धड़कन, मेरी आवाज है मेरे पिता, मैं उनका प्रतिरूप प्यारा हूं वो जग में लाए मुझको, मैं वो उजियारा हूं, मैं उनका प्रतिरूप पयारा हूं, निज साँसे पूरी कर, निज जीवन तो पशु भी जीया करते हैं, पर नचिकेता वही जो पिता के दुख पीया करते हैं, सुत पिता को पियारे, और सम्माने भरपूर , यही जीवन की सार्थकता और मानव का नूर। अभिमन्यू पाराशर साहित्यकार टी.सी.प्रकाश स्मृति भवन(गाँव--शिमला, जिला--झुंझुनू (राजस्थान ©Dr ABHIMANYU PARASHAR मेरे सपने मेरे अरमान मेरे पिता #colours