अनुभवों से लदा एक वृक्ष! शब्दों की आरी से भीगते दृग! चहुँ ओर भीड़, पुष्पों पर टूटे, पर कोई न अपना सा विहग! ©Nandini Rastogi # वृद्ध एक बूढ़ा वृक्ष