Nojoto: Largest Storytelling Platform

किसी बुजुर्ग की भावनाओं को उतनी ही ठेस पहुंचाहियें

किसी बुजुर्ग की भावनाओं को उतनी ही ठेस पहुंचाहियें

जितनी आप अपने बुढ़ापे में
अपनी भावनाओं के ठेस को बर्दाश कर सकें 
क्यों कि ये कलयुग हैं यहां हर इक चीज सूत समेट लोटाई 
जाती हैं 
फिर चाहे वो आपका कर्मा हों
या आपका धर्मा हों

_Miss A@ravi'ranjana (rv)

©miss A@ravi rv ranjana #Life_experience 
#Quotes
 #Opinion_ &_#Thoughts
#The_writer_Miss_A@ravi'ranjana_(rv)
किसी बुजुर्ग की भावनाओं को उतनी ही ठेस पहुंचाहियें

जितनी आप अपने बुढ़ापे में
अपनी भावनाओं के ठेस को बर्दाश कर सकें 
क्यों कि ये कलयुग हैं यहां हर इक चीज सूत समेट लोटाई 
जाती हैं 
फिर चाहे वो आपका कर्मा हों
या आपका धर्मा हों

_Miss A@ravi'ranjana (rv)

©miss A@ravi rv ranjana #Life_experience 
#Quotes
 #Opinion_ &_#Thoughts
#The_writer_Miss_A@ravi'ranjana_(rv)