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नेक-नीयत मंजिल आसान ------------------ राह अलग है

नेक-नीयत मंजिल आसान 
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राह अलग है/चाह अलग है/कैसे मंजिल एक कहें, 
काम  से पहले नाम चाहता, फिर भी इरादे नेक कहें ।
बङा वही जो बङी सोच, निस्वार्थ भाव से काम करे, 
वाह!की परवाह नहीं,कोई करे/ना करे/प्रत्येक करे।।
पुष्पेन्द्र" पंकज "

©Pushpendra Pankaj
  #boat नेक नीयत मंजिल आसान

#boat नेक नीयत मंजिल आसान #कविता

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