उसे मेरे करीब आना अच्छा नहीं लगता, और मेरा दूर भी जाना अच्छा नहीं लगता। बात करता है वो मुझसे अपने दिल की, मगर मुझे कुछ बताना अच्छा नहीं लगता। साथ रहता है, साथ चलता है, मेरे हर वक़्त, पर उसे मेरा हो जाना अच्छा नहीं लगता। ख़्वाब उसके भी थे मुकम्मल जिन्दगी जीने के, अब उन ख़्वाबों को सजाना अच्छा नहीं लगता। कोई एक शख़्स भी दिल तोड़ देता है अगर, उसे सारा जमाना अच्छा नहीं लगता। मासूम है अभी, हरकतें बच्चो वाली है, बच्चों सा गम भुलाना अच्छा नहीं लगता। बिखर जाती है जिंदगी तन्हा जीने में "अभि" गर सफ़र भी हो सुहाना अच्छा नहीं लगता। #Sugga@bhi #दिल की आवाज़