माना मैं चलने वाला हूँ, संग तेरे दौड़ नहीं सकता, अपने जज़्बाती गीतों को सिक्कों से तौल नहीं सकता, मैं न भी रहा, ये गीत फिजाओं में घुलकर रह जाएंगे, ये तान तुम्हारे कानों से जिस दिन भी टकरा जाएंगे, मुझको ठुकराया था तूने, 'उस' गलती पर पछताएगी, वो सुबह कभी तो आयेगी वो सुबह कभी तो आयेगी... #Secularisminindia #aadilkhan28