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हार हार कर जब आत्मविश्वास टूटने लगता है, जब साहस

हार हार कर जब आत्मविश्वास टूटने लगता है, 
जब साहस और धैर्य का साथ छूटने लगता है  ,
मन में क्रोध अधैर्य और ग्लानि का जन्म होता है ,
जब पवित्रता के स्थान पर कुण्ठा का संग होता है ,
ह्रदय की धड़कन भी बोझ सी लगने लगती है ,
दूसरो के प्रति मन में ईर्ष्या पलने लगती है ,
जब कुण्ठा ग्लानि और शोक को मन में ढ़ोता हूँ मैं ,
केवल तब सिर्फ तब रोता हूँ मैं ।।

©Aman Sinha
  #केवल_तब_सिर्फ_तब_रोता_हूँ_मैं ।।