//तेरी पाज़ेब, तेरी जंजीर// तेरी पाज़ेब ही तेरी जंजीर बन गयी सदियों से क़ैद तेरी तस्वीर बन गयी (पूरी रचना अनुशीर्षक मे ज़रूर पढ़े 🙏) तेरी पाज़ेब ही तेरी जंजीर बन गयी सदियों से क़ैद तेरी तस्वीर बन गयी औरत को सुन्दर दिखना क्यु है ज़रूरी बिन श्रृंगार क्यु लगती ज़माने को अधूरी सिखा जाता है तौर तरीके बचपन से जाना नही कभी तु खिलाफ नियम के