ना सीता चाहूँ, ना बनूँ मैं राम, ना राधिका की चाह, ना मैं उसका श्याम ! मैं बस चाहूँ पार्वती सी संगिनी, बनूं मैं उसका भोले वो मेरी अर्धांग्नी ।। इंतेज़ार होगा, मुलाकात भी होगी ! खामोशी होगी, बहुत सारी बातें भी होगी ! कविता होगी, कहानियां भी होगी ! योग होगा, भोग भी होगा ! क्रोध होगा, प्रेम भी होगा ! ...... #sumitpandey #thesptales