जिंदगी फकत क्या सिर्फ जीना हैं? सांस लेना है सीने में दिल धड़कना हैं? गम की चादर ओढ़े फिरता रहता हूं , उसकी शमा में बस जलता रहता हूं ।। अब सारी ख्वाइशों को कफन पहना दी, जिस्त ए रंजिशो में गश्त करता रहता हूं।। एक शाम सूरज के साथ डूबना चाहता हूं, गले लगा के खुद ही में खोना चाहता हूं।। सूरज कब डूबा हमें न होश रहा हम तो ख़ुद में ही कहीं ग़ुम से थे..! #हिंदी_उर्दू #शामें_अकेली #ज़िंदगानी #ख़ामोश_सा_अफ़साना #तन्हाईकामंज़र #sb_shayri क्या_ही_कहें! #kalam_e_rijee🙄 #YourQuoteAndMine