Unsplash यूं ही कागज पर नहीं लिखते कुछ राज़ मोहब्बत के पल भर में बिखर जाते हैं, वो अल्फ़ाज़ मोहब्बत के उसे, जब टूट कर चाहा तो, हम खुद ही बिखर गए ऐसे ही, बदल जाते हैं अंदाज़, मोहब्बत के उसकी सहेलियों से ज़रा कहना कि उन्हें साथ ही लाएं मुझे अब फिर से सजाने हैं, कुछ ख़्वाब मोहब्बत के अपनी तो सासें भी तो उसी वक़्त में थी शामिल तन्हा बैठे हुए जब छोड़ गए, कुछ हाथ मोहब्बत के विश्वा🥺🥺 ©broken heart(analystprakram) #camping sad shayri sad love shayari sad quotes sad shayari