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लोग परेशां हैं मेरे ज्यादा बोलने से, मैं परेशां

लोग परेशां हैं मेरे ज्यादा बोलने से, 

मैं परेशां हूँ मेरे जहन की ख़ामोशी से. लोग परेशां हैं मेरे ज्यादा बोलने से, 

मैं परेशां हूँ मेरे जहन की ख़ामोशी से.
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मैं परेशां हूँ मेरे जहन की ख़ामोशी से.

लोग परेशां हैं मेरे ज्यादा बोलने से, मैं परेशां हूँ मेरे जहन की ख़ामोशी से. #विचार