मेरा मन पसंद है खाना और तुम मुझे खिलाना.... दिल ना कभी उमड़ उमड़ के भगता है कुछ अच्छा खाने के लिए जैसे सर्दी के शाम में कुछ चटपटा सा जैसे सुबह की सूरज के किरणों को आनंद लेते हुए गरमा गर्म कॉफ़ी के साथ वो काजू बादाम भरी हुए बिस्किट सा इन सर्दियों वाली दोपहर में तीखा खाने का मन करता है अब क्या ही कहें