आखिर कब ? जब किसी लड़की को किसी लड़के के साथ हंसकर बात करते हुए देख लिया जाता है तो उस लड़की को कैरेक्टर लेस कहते देर नही लगती , जब किसी लड़की को कोठे पर बिठा दिया जाता है तो लोगों के लिए वो वैश्या हो जाती है , किसी को अपना पेट पालने के लिए नाचना पड़े तो सबके लिए वो रण्डी हो जाती है । एक लड़की या औरत के लिए ये सारे नाम देते हुए और उसको ये कहते हुए लोग कभी हिचकिचाते नहीं हैं पर कभी किसी ने लड़कों से ये पूछा है की जो लड़के एक साथ तीन चार लड़कियों के इमोंशन का मजाक बनते हैं उनको क्या नाम देना चाहिए ? जो लोग सारी रात उस वैश्या के बिस्तर पर गुजार के आते हैं उन लोगों को क्या उपाधि देनी चाहिए ? रण्डी का नाच जो लोग बड़ी शान से देखते हैं और खुद को समाज का रखवाला और ठेकेदार समझते हैं उनको क्या इनाम देना चाहिए ? यहां कहते हैं की लड़कियां बेवकूफ होती हैं जो प्यार में कपड़े उतार देती हैं पर उनके सामने प्यार की सच्चाई और उनके समर्पण का सबूत कौन मांगता है ? कौन उनके साथ बस एक बार हमबिस्तर होना चाहता है ? ऐसे लोगों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए जो खुद को मर्द कहते हैं पर एक औरत की इज्जत नहीं कर सकते । कोठों पर जाना बंद कर दो , ये नंगा नाच देखना बंद कर दो , प्यार के नाम पर जिस्म देखना बंद कर दो , कुछ ही समय में सारी चीज़ें अपने आप बंद हो जाएंगी लेकिन नहीं यहां तो एक कहावत है की आदमी के सामने थाली होगी तो वो खायेगा ना । अरे ठेकेदारों जब तुम अपने आप को विश्वविजेता समझते हो तो खुद को कंट्रोल करना सीखो। जब लड़कियां किसी को राह चलते नहीं छेड़ती, किसी को देखकर सीटी नहीं मारती किसी के घर के आस पास चक्कर नहीं लगती , तो तुम कब सुधरोगे ? आखिर कब ........ ©Kajal Singh aakhir kab tak hoga ye ........... #merevichar #society #what the hell #iwish #LateNight