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चमकती आंखों में चुभती धूल भरकर वह अपने घर का आशिया

चमकती आंखों में चुभती धूल भरकर वह
अपने घर का आशियाना सजा रहा था......
गलियों से थी अनजान जो ,उसको ,भटकता छोड़ दो रावण की तरह हुंकार भर 
कर रहा था ....
हाल ऐसा देश उसके अनुज की भी सांसे थम सी गई होंगी 
देखो वह रोटी  खा रहा था ,जब कोई पेट के लिए ही ,सब कुछ है ,यह भी नहीं जान पाया था....

©Deepika Gahtori
  #hurting