मिला लो नजर जाम पीला दो अगर,चाहत की रस्में निभा दो अगर! तेरे नाम से लिखने की है कहानी,सनम अपने दिल की कहानी बता दो अगर!! तेरे हुस्न का दीदार हो बा-बार,मेरे जिन्दगी की ख्वाहिश हुई,फरमाईश हुई! मैं डूबा रहुं तेरे अक्स में,तुम होंठों से उलफत की मदिरा चखा दो अगर!! तुम समझ ना सको मैं समझ ना सकु,हो मुलाकात ऐसी कि रह ना सकु! तू भी भीगी रहो-मैं भी भीगा रहुं,तुम यूं ख्वाबों में मीठी चटनी चटा दो अगर!! तुम अदाबत करो-मैं भी अदाबत करु,और इश्के असर में डूबा रहु! मैं तुमसे कहुं फिर कहता रहु,तुम बस अपने उलफत की चटनी चटा दो अगर!! नजर से नजर को मिला,थोरा नजदीक आ,फिर सपनों को ऐसे जगा! बढता रहुं मैं हौसलों के शहर में,तुम ऐसे ही हरकत की बिजली गिरा दो अगर!! मै अपने ही घर को सजाने लगुं,तेरे चाहत में हसरत के मोती लगाने लगुं! अपने बांहों में सनम तुमको बुलाने लगुं,तुम जो धीरे से महफिल सजा दो अगर!! थोरा तो नैनों से नैना उलझाऊँ मैं,फिर तो तुझमे ही आकर सिमट जाऊँ मैं! तेरे बांहों में आकर बिखर जाऊँ मैं,तुम इश्के सफर में हमको चला दो अगर!! मिला लो नजर जाम पिला दो अगर Khalid Waseem Abhishek Bhardwaj रोहित तिवारी । ABHI saxena