ना जाने हर रोज मां क्यों एक रोटी और एक निवाला और कहती रहती, वो बात मुझे कभी समझ नहीं आनेवाली बातों मैं सबसे उपर रहेती, और आज भी जब मैंने खुद को कहते पाया एक रोटी और एक निवाला और, तब भी समझ नहीं आया ये आदत उस रसोईघर से मिलती है या उस रसोईघर में बसने वाली मां बेटियों को खानें में मिला कर देती है। 👩👧👩👧 #mother #daughter #likemotherlikedaughter #food #life #napowrimo2021bygrishma #hindipoems #grishmapoems