तू हवा है तो कर ले अपने हवाले मुझको, इससे पहले की कोई और बहा ले मुझको, आइना बन के गुजारी है जिंदगी मैंने, टूट जाऊंगा बिखरने से बचा ले मुझको, जो आज कर गयी घायल वो हवा कौन सी है, जो दर्द-ए-दिल करे सही वो दवा कौन सी है, तुमने इस दिल को गिरफ्तार आज कर तो लिया, अब जरा ये तो बता दो की दफा कौन सी है, सोचता था मैं कि तुम गिर के संभल जाओगे, रौशनी बन के अंधेरों को निगल जाओगे, न तो मौसम थे न हालात न तारीख न दिन, किसे पता था कि तुम ऐसे बदल जाओगे ।। Name: Dr. Vishnu Saxena( poet ) Father: Shri(Late) N.P.Saxena Mother: Smt. Sarala Devi Spouse: Mrs. Vandana Saxena Birth Place: Vill.-Sahadat pur, Sikandra Rao, (Aligarh) U.P. Education: B.A.M.S.( Rajasthan University, Jaipur) प्रेम को चमत्कारिक शब्दों में प्रकट करने की अद्भुद कला है मेरे सबसे प्रिय रचनाकार की एक अनमोल कृति आपको सप्रेम भेँट ।मेरी संकलित डायरी में से ....💐