कहो अबकी होली तुम कैसे कब आओगे या फिर से कोई नई कहानी सुनाओगे रंग ओ गुलाल हम पे कितना ही चढ़ा ले दुनिया पर आंखों के इंद्रधनुष तो बस तुम ही सजाओगे . इंद्रधनुष