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# अब चाहत नहीं के कोई हमारे गम को | English Poetry

अब चाहत नहीं के कोई हमारे गम को बांटे
क्योंकि ये गम बांटने वालों ने ही हमें गम दिए हैं

अब चाहत नहीं के कोई हमारे गम को बांटे क्योंकि ये गम बांटने वालों ने ही हमें गम दिए हैं #Poetry

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