तेरे शहर
तेरे शहर में आए है पर अजनबी नहीं है हम
इश्क़ बदला है जरूर पर मौसम का रंग वही है।
यादें अब भी तड़पाती है तन्हाइयो मे दिल मे भी तेरा घर है सनम
भूल कैसे जाए तेरी मोहब्बत को
तेरे नाम से तो अब भी पहचान है मेरे सनम।
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