चिडीया नही वो बेटी है मेरे आगंन की 😍✍✍ --------------------- ----------------------- चहकती है। आगंन मे पर शोर बहुत मचाती है। वो तितली मेरे आगंन की एक दिन उड ही जाती है। नाजो से पले या तकलिफो के आगे ढले खुद समझती है। ओरो को भी समझाती है। फिर एक दिन वो बेटी बाबुल का घर छोड ही जाती है। चहकती है। आगंँन मे शोर बहुत मचाती है। सताती है भाईयो को फिर घर की रोनक बन जाती है वो तितली मेरे आगंन की एक दिन उड ही जाती है। मेरी रचनाएँ सलोनी टोके😋✍✍👏👏 ©saloni toke alfazon ki khumari 😍✍✍✍👏 बेटी पर कविता #stay_home_stay_safe