आप सब काे अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत शुभकामना🙏🙏🙏🙏🙏🙏 पूरी कहानी अनुशीर्षक में... आज सुबह से ही ,बार-बार दयाल साहब का फाेन आ रहा था।दयाल साहब मीरा के पिताजी के मित्र और स्थानीय अखबार के संपादक भी थे।बार -बार, फाेन के रिंग काे सुन माधव बाेले ,यार- फाेन क्यूं नहीं उठा रही,देख ताे लाे शायद काेई जरूरी काँल हाे। मीरा बाबुजी का नास्ता लगाते हुये बाेली,देखती हूँ,थाेडी देर मे। पर,ये बात वह भी समझती थी कि यह थाेड़ी देर पता नहीं कब तक!! उसे पता था ,दयाल अंकल उसे महिला दिवस ,पर एक लेख के लिये बार-बार काँल कर रहे थे।पर, मीरा बार बार नजरअंदाज कर रहीं थी।विवाह से पहले ,वह अकसर अखबार में व