Nojoto: Largest Storytelling Platform

आप सब काे अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत शुभकामन

आप सब काे अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत शुभकामना🙏🙏🙏🙏🙏🙏






पूरी कहानी अनुशीर्षक में... आज सुबह से ही ,बार-बार दयाल साहब का फाेन आ रहा था।दयाल साहब मीरा के पिताजी के मित्र और स्थानीय अखबार के संपादक भी थे।बार -बार, फाेन के रिंग काे सुन माधव बाेले ,यार- फाेन क्यूं नहीं उठा रही,देख ताे लाे शायद काेई जरूरी काँल हाे।
मीरा बाबुजी का नास्ता लगाते हुये बाेली,देखती हूँ,थाेडी देर मे।
पर,ये बात वह भी समझती थी कि यह थाेड़ी देर पता नहीं कब तक!!
उसे पता था ,दयाल अंकल उसे  महिला दिवस ,पर एक लेख के लिये बार-बार काँल कर रहे थे।पर, मीरा बार बार नजरअंदाज कर रहीं थी।विवाह से पहले ,वह अकसर अखबार में विशेष अवसर पर कविता,कहानी,या लेख लिखा करती थी।उसकी रचनाओं काे लाेग बहुत पंसद भी करते थे।पर तब की बात अलग थी।विवाह के पहले अगर वह पढाई कर रही हाेती ताे काेई उसे आवाज भी ना देता,ताकि उसके काम में व्यवधान ना हाे।
         हर चीज में अव्वल थी वाे।उसके इन्हीं गुणाें पर ताे माेहित हाे बाबुजी ने पापा से,अपने याेग्य पुत्र माधव के लिये मीरा मांग लिया था।इस बात का मीरा काे काेई मलाल भी ना था।क्याेंकिं, माधव हर बात में उस से इक्किस हीं थे।बहुत अच्छी नाैकरी,खुबसुरत व्यक्तित्व और सबसे बढ़कर ,उनका शांत स्वभाव।मीरा दिल दे बैठी उन्हें।माधव ने भी उसे बहुत सम्मान दिया ,और शायद प्यार भी ।पर,पता नहीं क्यूं !!मीरा काे अक्सर लगता कि वह माधव का प्यार नहीं सिर्फ रिश्ता है।उसे लगता वह इस घर में पत्नी से ज्यादा ,बहु बन कर आयी है।उन दाेनाे की उम्र में भी ,12 वर्ष का अंतर था।शायद ये वजह भी थी, की माधव कभी उस के मित्र नहीं बन पाये।वह अकेले में माधव के साथ खुब बातें करना चाहती थी,धुमना चाहती थी।पर,वह हमेंशा उसकी बाताें काे उसकी फरमाईशाें काे टाल जाते थे।वाे कहते ,अगर हम बाहर गये ताे बाबुजी काे परेशानी हाेगी।माँ काे काैन देखेगा!! 
कहते है ना आप जिस से प्यार करते है उसकी हर चीज से प्यार हाे जाता है।मीरा ने भी माधव के माँ-बाबुजी काे अपने माँता पिता की तरह मान लिया।वाे उनकी नींद साेती और उनकी नींद हीं उठती।
विवाह के पहले हीं,मीरा ने एक 10+2के स्कूल में साक्षात्कार दिया था ,जिसका नियुक्ति पत्र विवाह के कुछ महिनाें बाद उसके हाथ में था।वह समझ नहीं पायी क्यां करे??
उसने,माधव से पुछा!वाे मुस्कुरा कर बाेले मेरी तरफ से ,या बाबुजी की तरफ से तुम्हें काेई राेक नहीं है।पर देख लाे,70 साल के तुम्हारे
आप सब काे अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस की बहुत शुभकामना🙏🙏🙏🙏🙏🙏






पूरी कहानी अनुशीर्षक में... आज सुबह से ही ,बार-बार दयाल साहब का फाेन आ रहा था।दयाल साहब मीरा के पिताजी के मित्र और स्थानीय अखबार के संपादक भी थे।बार -बार, फाेन के रिंग काे सुन माधव बाेले ,यार- फाेन क्यूं नहीं उठा रही,देख ताे लाे शायद काेई जरूरी काँल हाे।
मीरा बाबुजी का नास्ता लगाते हुये बाेली,देखती हूँ,थाेडी देर मे।
पर,ये बात वह भी समझती थी कि यह थाेड़ी देर पता नहीं कब तक!!
उसे पता था ,दयाल अंकल उसे  महिला दिवस ,पर एक लेख के लिये बार-बार काँल कर रहे थे।पर, मीरा बार बार नजरअंदाज कर रहीं थी।विवाह से पहले ,वह अकसर अखबार में विशेष अवसर पर कविता,कहानी,या लेख लिखा करती थी।उसकी रचनाओं काे लाेग बहुत पंसद भी करते थे।पर तब की बात अलग थी।विवाह के पहले अगर वह पढाई कर रही हाेती ताे काेई उसे आवाज भी ना देता,ताकि उसके काम में व्यवधान ना हाे।
         हर चीज में अव्वल थी वाे।उसके इन्हीं गुणाें पर ताे माेहित हाे बाबुजी ने पापा से,अपने याेग्य पुत्र माधव के लिये मीरा मांग लिया था।इस बात का मीरा काे काेई मलाल भी ना था।क्याेंकिं, माधव हर बात में उस से इक्किस हीं थे।बहुत अच्छी नाैकरी,खुबसुरत व्यक्तित्व और सबसे बढ़कर ,उनका शांत स्वभाव।मीरा दिल दे बैठी उन्हें।माधव ने भी उसे बहुत सम्मान दिया ,और शायद प्यार भी ।पर,पता नहीं क्यूं !!मीरा काे अक्सर लगता कि वह माधव का प्यार नहीं सिर्फ रिश्ता है।उसे लगता वह इस घर में पत्नी से ज्यादा ,बहु बन कर आयी है।उन दाेनाे की उम्र में भी ,12 वर्ष का अंतर था।शायद ये वजह भी थी, की माधव कभी उस के मित्र नहीं बन पाये।वह अकेले में माधव के साथ खुब बातें करना चाहती थी,धुमना चाहती थी।पर,वह हमेंशा उसकी बाताें काे उसकी फरमाईशाें काे टाल जाते थे।वाे कहते ,अगर हम बाहर गये ताे बाबुजी काे परेशानी हाेगी।माँ काे काैन देखेगा!! 
कहते है ना आप जिस से प्यार करते है उसकी हर चीज से प्यार हाे जाता है।मीरा ने भी माधव के माँ-बाबुजी काे अपने माँता पिता की तरह मान लिया।वाे उनकी नींद साेती और उनकी नींद हीं उठती।
विवाह के पहले हीं,मीरा ने एक 10+2के स्कूल में साक्षात्कार दिया था ,जिसका नियुक्ति पत्र विवाह के कुछ महिनाें बाद उसके हाथ में था।वह समझ नहीं पायी क्यां करे??
उसने,माधव से पुछा!वाे मुस्कुरा कर बाेले मेरी तरफ से ,या बाबुजी की तरफ से तुम्हें काेई राेक नहीं है।पर देख लाे,70 साल के तुम्हारे
mamtasingh9974

Mamta Singh

Bronze Star
New Creator
streak icon1