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अंधेरी राहों में अब क्या ही भटकू मैं! इस फरेब भरी

अंधेरी राहों में अब क्या ही भटकू मैं!
 इस फरेब भरी दुनिया में 
लोग मुखौटे कई रंगों के 
ले कर साथ चलते है!
एक रंग ..........
 जो गलती से पहचान लेता हु मै !
बाद में वो रंग देखने को दोबारा कहा ही मिलते है ?

©Viaan.ki.poetry
  मुखौटे

मुखौटे #Quotes

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