मुझे हक नहीं अपने गम बताने का, गम दूसरो के जो मिटा सकु; तो मैं शक्स महान हूं। रोना मेरी फितरत में नहीं, आंसू अगर किसी के पौंछ सकु; तो मैं शक्स महान हूं। उम्मीद ना रखु मै किसी से, किसी की उम्मीद पर खरा उतर सकु; तो मैं शक्स महान हूं। वक्त नहीं मेरे पास अपनी आपबीती सुनाने का, आपबीती जो किसी की सुन सकु; तो मैं शक्स महान हूं। मुझे हसाने वाला कोई नहीं, मुस्कुराहट अगर किसी के चेहरे पर ला सकु; तो मैं शक्स महान हूं। मेरी कोई ख्वाहिशें नहीं , ख्वाहिश अगर किसी पूरी कर सकु; तो मैं शक्स महान हूं। ©Mohit Karanjawala मैं शक्स महान हूं #poetryMohit #poetrylover #poetrycommunity #writer #wetogether