||वहम|| बिना वहम के जियें कैसे, ज़िन्दगी इतनी भी खुशगवार नहीं| चाहत पूरी हो तो कैसे, कुछ खोने को ये मन तैयार नहीं| दिल खुदका संभलता नहीं खुदसे, करते इसलिए कोई फ़रियाद नहीं| सुना है कि गलतियों का पुतला है इंसान, फिर भी गलती किसी की होती माफ़ नहीं| अरे जाने दो, छोड़ो यारों, वहम में जीने दो, असलियत दुनिया की इतनी कोई खास नहीं| #वहम #असलियतदुनियाकी #vineetvicky #octoberflashes #yqdidihindipoetry #encoreekkhwab #encore_ek_khwab